भारत की अर्थव्यवस्था ने 2025 में एक ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए जापान को पीछे छोड़ दिया है और अब यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने हाल ही में यह जानकारी दी और कहा कि भारत की विकास दर, उत्पादन क्षमता और वैश्विक निवेश में वृद्धि इस उपलब्धि का मुख्य कारण हैं। यह न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की आर्थिक ताकत को मान्यता देने वाला मोड़ है।
भारत का विकास पथ: पीछे छूटा जापान
वर्ष 2024-25 में भारत का GDP (सकल घरेलू उत्पाद) लगभग 3.73 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो जापान की GDP (लगभग 3.67 ट्रिलियन डॉलर) से अधिक है। जापान जो वर्षों से वैश्विक आर्थिक ताकत के रूप में स्थापित था, अब पहली बार भारत से पीछे चला गया है।

इस परिवर्तन के पीछे कई अहम वजहें हैं:
- भारत की तेज़ विकास दर (7%+)
- युवाओं की बढ़ती भागीदारी
- डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों का प्रभाव
- वैश्विक कंपनियों का भारत की ओर रुख
GDP के आंकड़ों में भारत की मजबूती
IMF और विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि लगातार बनी हुई है। सेवा क्षेत्र, निर्माण उद्योग और डिजिटल सेक्टर में हुई तेज़ी ने भारत को इस मुकाम तक पहुँचाया है। खासतौर पर UPI, डिजिटल पेमेंट्स, और ई-कॉमर्स सेक्टर में भारत ने जो अग्रसरता दिखाई है, वो दुनिया के लिए एक मॉडल बन चुका है।
नीति आयोग और सरकार की भूमिका
नीति आयोग, RBI, और वित्त मंत्रालय ने समन्वय के साथ ऐसी नीतियां लागू की हैं जिनसे निवेशकों को स्थिर और सुरक्षित माहौल मिला है। सरकार द्वारा लाया गया PLI (Production Linked Incentive) स्कीम विदेशी निवेश को आकर्षित करने में अहम साबित हुई है।
बीवीआर सुब्रह्मण्यम का बयान था:
“भारत अब एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बन चुका है। हमारी नीतियां, श्रमशक्ति और संसाधनों ने हमें इस मुकाम तक पहुँचाया है।”
किन क्षेत्रों में हुआ सबसे अधिक विकास?
- IT और सॉफ्टवेयर सेवाएं: भारत दुनिया की बैकबोन बन चुका है।
- टेलीकॉम और डिजिटल सेक्टर: 5G रोलआउट और मोबाइल क्रांति।
- मैन्युफैक्चरिंग: चीन के विकल्प के रूप में भारत।
- स्टार्टअप इकोसिस्टम: भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न।
वैश्विक निवेशकों की नजर भारत पर
2024-25 में भारत में हुए FDI (Foreign Direct Investment) ने भी रिकॉर्ड तोड़ा। अमेरिका, जापान, जर्मनी और UAE जैसे देशों ने भारत में भारी निवेश किया।
कई ग्लोबल कंपनियां, जैसे Apple, Samsung, Tesla और Amazon, अब भारत में उत्पादन और वितरण केंद्र बना रही हैं।
बेरोजगारी में आई गिरावट
आर्थिक मजबूती के साथ भारत में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़े हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में MSME सेक्टर और सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री रोजगार योजना ने लोगों को स्वरोजगार और नौकरी के नए अवसर दिए हैं।
जापान का आर्थिक संकट: भारत को कैसे मिला फायदा?
जापान पिछले कुछ वर्षों से मुद्रास्फीति, उम्रदराज़ होती जनसंख्या, और कम उत्पादन जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। वहीं भारत की युवा जनसंख्या और बढ़ती खपत ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी। जापान के मुकाबले भारत में बाज़ार और मांग अधिक मजबूत रही।
2025 के बाद क्या भारत तीसरे स्थान पर जा सकता है?
अब सवाल यह है कि क्या भारत जल्द ही जर्मनी को भी पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है? विशेषज्ञों की मानें तो यदि भारत की विकास दर ऐसे ही बनी रही और निवेश व औद्योगिक विकास जारी रहा तो 2027 तक भारत जर्मनी से भी आगे निकल सकता है।
आम नागरिकों पर इसका क्या असर होगा?
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
- वेतन में वृद्धि की संभावना
- बाजार में स्थिरता
- घरेलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता
भारत की जनता इस सफलता की असली भागीदार है, क्योंकि उनका योगदान – चाहे वो किसान हो, मजदूर हो या स्टार्टअप फाउंडर – हर किसी ने देश को इस स्थान तक पहुँचाया है।
भारत का चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। यदि नीतियां स्थिर रहीं और युवाओं को उचित अवसर मिलते रहे, तो भारत का नाम जल्द ही दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा।