बॉलीवुड के संगीत इतिहास में कई ऐसे किस्से हैं जो आज भी रहस्य की तरह लोगों को आकर्षित करते हैं। उन्हीं में से एक है प्रसिद्ध संगीतकार O.P. Nayyar और स्वर कोकिला Lata Mangeshkar के बीच का विवाद।
क्या आप जानते हैं कि एक फिल्म के बाद O.P. Nayyar ने Lata Mangeshkar के साथ कभी काम नहीं किया? ये फैसला उन्होंने किसी साधारण कारण से नहीं, बल्कि एक खास घटना से चिढ़ कर लिया था।
🎬 पहली और आखिरी फिल्म – ‘Aasman’
O.P. Nayyar और Lata Mangeshkar ने केवल एक ही फिल्म में साथ काम किया था – 1952 की फिल्म ‘Aasman’। इस फिल्म के लिए Lata ने O.P. Nayyar के संगीत निर्देशन में कुछ गाने गाए थे। लेकिन यह उनका आखिरी कोलैबोरेशन बन गया।
हालाँकि गाने हिट रहे, लेकिन दोनों के बीच का रिश्ता यहीं से बिगड़ गया।
😠 किस बात से चिढ़े थे O.P. Nayyar?
कई मीडिया रिपोर्ट्स और पुराने इंटरव्यूज में O.P. Nayyar ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें Lata Mangeshkar का व्यवहार और गायकी का तरीका उस समय पसंद नहीं आया था।
उनका मानना था कि Lata का attitude कुछ ज्यादा ही ‘प्रोफेशनल’ और ‘रिज़र्व’ था, जो उन्हें खटक गया। इसके अलावा O.P. Nayyar ने यह भी कहा था कि वे Lata की आवाज़ से ज़्यादा Geeta Dutt और Asha Bhosale की आवाज़ को अपने संगीत के लिए उपयुक्त मानते थे।
🎤 Lata Mangeshkar की प्रतिक्रिया
Lata Mangeshkar ने इस मुद्दे पर कभी ज़्यादा खुलकर बयान नहीं दिया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि उन्हें यह अफसोस रहा कि O.P. Nayyar जैसे प्रतिभाशाली संगीतकार के साथ उनका सहयोग सीमित रहा।
उनकी शालीनता और मौन रहने की शैली के कारण विवाद ने ज़्यादा तूल नहीं पकड़ा, लेकिन O.P. Nayyar हमेशा इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि उन्होंने Lata के साथ काम न करने का निर्णय क्यों लिया।
🎶 Asha Bhosale बनीं O.P. Nayyar की म्यूज
Lata से दूरी बनाकर O.P. Nayyar ने Asha Bhosale को अपनी गायकी का चेहरा बना लिया। उन्होंने 1950s और 60s में Asha के साथ मिलकर एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने दिए, जैसे:
- “Aaiye Meherbaan”
- “Zara Haule Haule Chalo”
- “Yeh Hai Reshmi Zulfon Ka Andhera”
Asha Bhosale की आवाज़ और O.P. Nayyar के संगीत ने मिलकर एक नया जादू रच डाला, जो आज भी अमर है।
💥 इंडस्ट्री में मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहाँ कुछ लोगों ने O.P. Nayyar के फैसले को उनकी ‘ego’ कहा, वहीं कई संगीतप्रेमियों और आलोचकों ने माना कि संगीत की दिशा और दृष्टिकोण में मतभेद होना स्वाभाविक है।
Lata की आवाज़ को शुद्ध, क्लासिकल और भावपूर्ण माना जाता था, जबकि O.P. Nayyar को तेज़, रिदमिक और वेस्टर्न-फ्लेवर वाले संगीत का शौक था।
🔍 क्या यह सही निर्णय था?
यह कहना मुश्किल है कि यह निर्णय सही था या नहीं, लेकिन एक बात तय है – O.P. Nayyar और Lata Mangeshkar के बीच अगर लंबा संगीत सहयोग होता, तो बॉलीवुड को और भी बेहतरीन गाने मिल सकते थे।
हालाँकि, दोनों अपने-अपने क्षेत्र में लेजेंड बन गए, लेकिन फैंस के मन में यह सवाल हमेशा बना रहा कि अगर दोनों साथ होते, तो क्या होता?