क्या 12 लाख रुपये तक की कर छूट का मतलब है कि 15 लाख कमाने वाले वेतनभोगी व्यक्ति को केवल बची हुई 3 लाख रुपये की आय पर ही कर देना होगा?
भूमिका
भारत में करदाता हमेशा नए बजट और कर नीतियों पर नजर बनाए रखते हैं, खासकर जब कर छूट और दरों में बदलाव होता है। 2025 के केंद्रीय बजट में करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है – 12 लाख रुपये तक की कर छूट। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि इस छूट का क्या अर्थ है, इससे किसे लाभ मिलेगा, और अगर आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये या उससे अधिक है तो आपका कर कैसे गणना किया जाएगा।
1. 12 लाख रुपये की कर छूट का अर्थ
कर छूट (Tax Exemption) का मतलब है कि किसी व्यक्ति की आय का एक निश्चित हिस्सा कर मुक्त होगा, यानी उस हिस्से पर कोई कर नहीं देना होगा। 2025 के बजट में सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को कर छूट के दायरे में लाने की घोषणा की है। इसका सीधा मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति की कुल वार्षिक आय 12 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे कोई कर नहीं देना होगा।
यह छूट नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत दी जा रही है, जबकि पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत छूट और कटौतियों के अलग नियम होंगे।
2. कर की गणना कैसे की जाएगी?
अगर आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको अतिरिक्त आय पर कर देना होगा। इसे समझने के लिए हम दो स्थितियों का विश्लेषण करेंगे –
- यदि आपकी आय 12 लाख रुपये या उससे कम है।
- यदि आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है।
(A) अगर आय 12 लाख रुपये तक है
अगर आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई कर नहीं देना होगा। पहले के नियमों के अनुसार, इस आय स्तर पर कर की गणना इस प्रकार होती थी –
आय (रुपये में) | पुरानी कर दर (%) | नई कर दर (%) |
---|---|---|
2.5 लाख तक | 0% | 0% |
2.5 – 5 लाख | 5% | 5% |
5 – 7.5 लाख | 10% | 10% |
7.5 – 10 लाख | 15% | 15% |
10 – 12.5 लाख | 20% | 20% |
अब, 12 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह से कर मुक्त कर दी गई है, इसलिए इस श्रेणी के करदाताओं को कोई कर नहीं देना होगा।
(B) अगर आय 12 लाख रुपये से अधिक है
अगर आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल अतिरिक्त आय पर ही कर लगाया जाएगा। इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
उदाहरण:
अगर किसी व्यक्ति की कुल वार्षिक आय 15 लाख रुपये है, तो कर की गणना इस प्रकार होगी –
- पहले 12 लाख रुपये → कोई कर नहीं
- अगले 3 लाख रुपये (12-15 लाख के बीच की आय) → कर लगेगा
मान लीजिए कि नई कर दरें इस प्रकार हैं:
आय सीमा (रुपये में) | नई कर दर (%) |
---|---|
12 – 15 लाख | 20% |
15 – 20 लाख | 25% |
20 लाख से अधिक | 30% |
तो, अतिरिक्त 3 लाख रुपये पर कर की गणना इस प्रकार होगी:
- 3,00,000 × 20% = 60,000 रुपये
इसके अलावा, 4% सेस (Cess) भी जोड़ा जाएगा:
- 60,000 × 4% = 2,400 रुपये
कुल कर = 60,000 + 2,400 = 62,400 रुपये
तो, 15 लाख रुपये की आय पर 62,400 रुपये कर देना होगा।
3. नई और पुरानी कर व्यवस्था में अंतर
सरकार ने नई कर व्यवस्था को आसान बनाने के लिए 12 लाख रुपये तक की कर छूट दी है, लेकिन पुरानी कर व्यवस्था में करदाताओं को छूट और कटौतियों का लाभ मिलता था।
नई कर व्यवस्था के लाभ
✅ 12 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह कर मुक्त
✅ सरल कर गणना
✅ कोई दस्तावेज़ीकरण की ज़रूरत नहीं
पुरानी कर व्यवस्था के लाभ
✅ धारा 80C, 80D, HRA, LTA जैसी कर छूट का लाभ
✅ निवेश और बचत को बढ़ावा
अगर आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है और आप विभिन्न छूटों का लाभ लेते हैं, तो आपको देखना होगा कि कौन-सी कर व्यवस्था आपके लिए अधिक फायदेमंद होगी।
4. कर छूट का प्रभाव – किसे होगा फायदा?
सरकार की इस नई नीति से कई वर्गों को लाभ होगा –
(A) वेतनभोगी मध्यम वर्ग
12 लाख रुपये तक की कर छूट से मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा लोग सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। इससे उनकी बचत बढ़ेगी और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
(B) छोटे और मध्यम व्यवसायी
व्यापारियों और स्वरोजगार करने वालों को भी कर राहत मिलेगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को और बढ़ा सकेंगे।
(C) युवा और स्टार्टअप्स
नई कर नीति से युवाओं और स्टार्टअप उद्यमियों को राहत मिलेगी क्योंकि वे शुरूआती वर्षों में अधिक बचत कर सकेंगे।
5. सरकार ने यह कदम क्यों उठाया?
सरकार ने 12 लाख रुपये तक की कर छूट का फैसला निम्नलिखित कारणों से लिया –
- आम जनता को राहत – मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों पर कर का बोझ कम करने के लिए।
- उपभोग बढ़ाना – लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने के लिए, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिले।
- निवेश को प्रोत्साहन – कर छूट से लोग अधिक निवेश कर सकेंगे, जिससे बाज़ार में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा।
- सरल कर प्रणाली – नई कर व्यवस्था को अधिक आकर्षक और सरल बनाने के लिए।
6. 12 लाख रुपये की आय वालों को बचत और निवेश कैसे करना चाहिए?
अगर आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है और अब आपको कर नहीं देना है, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको बचत और निवेश नहीं करना चाहिए। सही रणनीति अपनाने से आप लंबी अवधि में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कुछ बेहतरीन निवेश विकल्प
- म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) – SIP के माध्यम से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
- पीपीएफ (PPF) और एफडी (FD) – सुरक्षित निवेश के लिए बढ़िया विकल्प।
- हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस – स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक।
- रियल एस्टेट और सोना – संपत्ति और सोने में निवेश से दीर्घकालिक लाभ मिल सकता है।
निष्कर्ष
12 लाख रुपये तक की कर छूट मध्यम वर्ग और आम करदाताओं के लिए बड़ी राहत है। इससे न केवल उनकी बचत बढ़ेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा आएगी। अगर आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल अतिरिक्त राशि पर कर देना होगा, जो आपकी कुल कर देयता को काफी कम कर देगा।
इस नई कर नीति से भारत में उपभोग, निवेश और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह सरकार का एक बड़ा और स्वागतयोग्य कदम है, जो भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत बना सकता है। 🚀