रिलायंस इंडस्ट्रीज Q3 परिणाम: तेल से टेलीकॉम तक फैले समूह ने राजस्व में 6.9% की वार्षिक वृद्धि के साथ ₹2.43 लाख करोड़ और शुद्ध लाभ में 7.3% की वृद्धि के साथ ₹18,540 करोड़ की रिपोर्ट की। समेकित EBITDA 7.8% बढ़कर ₹48,003 करोड़ हुआ।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का तीसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 12% बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, डिजिटल और रिटेल व्यवसाय ने दी बड़ी मजबूती
मुंबई: भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने शुद्ध लाभ में 12% की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह बढ़ोतरी कंपनी के डिजिटल और रिटेल व्यवसाय की मजबूत प्रदर्शन क्षमता के चलते संभव हुई। कंपनी के इतिहास में यह अब तक का सबसे उच्चतम तिमाही शुद्ध लाभ है।
तिमाही के मुख्य आंकड़े
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि इस तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 17,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि के 15,625 करोड़ रुपये से 12% अधिक है। कंपनी का कुल राजस्व भी 3,20,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 9% अधिक है।
कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, मुकेश अंबानी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, “हमारे डिजिटल और रिटेल व्यवसाय ने हमारी ग्रोथ को गति दी है। कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और निवेश योजनाएं हमारी वृद्धि को निरंतर मजबूती प्रदान कर रही हैं।”
डिजिटल व्यवसाय: जियो की सफलता
रिलायंस का डिजिटल व्यवसाय, खासतौर पर जियो प्लेटफॉर्म्स, इस तिमाही में भी कंपनी के लिए राजस्व और लाभ का मुख्य स्रोत बना रहा। जियो ने इस अवधि में 20% की वृद्धि के साथ 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया। जियो का ग्राहक आधार अब 45 करोड़ से अधिक हो चुका है, जो इसे भारत में सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क प्रदाता बनाता है।
जियो के नए 5G रोलआउट ने भी कंपनी के प्रदर्शन को मजबूती दी। कंपनी ने 5G नेटवर्क को 1,500 से अधिक शहरों में लॉन्च किया है और यह सेवा देश के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। जियो के 5G उपकरणों और सस्ती दरों पर डेटा पैक ने ग्राहकों को आकर्षित किया है।
रिटेल व्यवसाय: हर बाजार में मजबूती
रिलायंस रिटेल, कंपनी का दूसरा प्रमुख स्तंभ, इस तिमाही में भी जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 25% की वृद्धि दर्ज करने में सफल रहा। इस तिमाही में रिटेल व्यवसाय का राजस्व 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
कंपनी ने अपने रिटेल नेटवर्क का विस्तार करते हुए इस तिमाही में 500 नए स्टोर खोले हैं, जिससे कुल स्टोर की संख्या 18,000 से अधिक हो गई है। रिलायंस रिटेल ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित किया है। जियोमार्ट और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री में वृद्धि हुई है।
इसके अतिरिक्त, रिलायंस रिटेल ने फैशन, किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मेसी जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक समान प्रभावी रणनीति के कारण, कंपनी को हर वर्ग के उपभोक्ताओं से समर्थन मिला है।
तेल और गैस व्यवसाय
हालांकि कंपनी का पारंपरिक तेल और गैस व्यवसाय अब डिजिटल और रिटेल व्यवसाय के मुकाबले धीमी वृद्धि दिखा रहा है, फिर भी यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के कुल राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तिमाही में, तेल और गैस सेगमेंट ने 10% की वृद्धि के साथ 1,50,000 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया।
ओएनजीसी के साथ साझेदारी में केजी बेसिन से उत्पादन में वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू गैस उत्पादन में भी सुधार हुआ है। वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, रिलायंस ने अपनी दक्षता बनाए रखी।
रिलायंस का भविष्य: नई योजनाएं और निवेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी दीर्घकालिक रणनीति के तहत हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह अगले पांच वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश हरित ऊर्जा परियोजनाओं में करेगी। इसमें सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, कंपनी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। रिलायंस का उद्देश्य न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इन क्षेत्रों में अग्रणी बनना है।
निवेशकों का विश्वास और शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
रिलायंस इंडस्ट्रीज के इन शानदार तिमाही नतीजों के बाद कंपनी के शेयर बाजार में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर रिलायंस के शेयर 3% बढ़कर 2,700 रुपये पर बंद हुए। निवेशकों ने कंपनी की नई योजनाओं और मजबूत प्रदर्शन को लेकर उत्साह दिखाया।
निष्कर्ष
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी तीसरी तिमाही में जो प्रदर्शन किया है, वह न केवल भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि विश्व स्तर पर भी एक मिसाल है। डिजिटल और रिटेल व्यवसाय की वृद्धि ने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
मुकेश अंबानी की नेतृत्व क्षमता और कंपनी की नवाचार रणनीति इसे आने वाले वर्षों में भी एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी। हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी में निवेश के साथ, रिलायंस इंडस्ट्रीज भविष्य के लिए एक मजबूत नींव बना रही है।