प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान आज सुबह एक दुखद हादसा हो गया। तड़के करीब 4 बजे त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के लिए जुटे श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, भारी भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स गिर गए, जिससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में लोग भगदड़ के दौरान कुचले गए। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
भीड़ प्रबंधन में प्रशासन नाकाम
मेले में सुरक्षा के लिए करीब 50,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। साथ ही, इस बार भीड़ नियंत्रण के लिए एआई तकनीक और फेस रिकग्निशन सिस्टम का भी उपयोग किया गया। इसके बावजूद, 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में उमड़ी करोड़ों की भीड़ पर काबू पाना प्रशासन के लिए मुश्किल साबित हुआ।
धार्मिक नेताओं और प्रशासन की अपील
घटना के बाद, जगद्गुरु रामभद्राचार्य जैसे धार्मिक नेताओं ने श्रद्धालुओं से संगम घाट पर अधिक भीड़ न करने की अपील की है। प्रशासन ने भी लोगों को सावधानी बरतने और स्नान के बाद तुरंत घाट से हटने का सुझाव दिया है।
महाकुंभ 2025 का महत्व
हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इस साल का कुंभ मेला खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 144 साल बाद ऐसा विशेष योग लेकर आया है, जिसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा
उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों को हरसंभव सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। वहीं, प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस हादसे ने एक बार फिर धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर कर दिया है।