भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 5वां टेस्ट, पहला दिन LIVE: नितीश कुमार रेड्डी आउट, सिडनी में भारत का स्कोर 120/6 पर संघर्ष जारी
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल भारतीय टीम के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। भारतीय टीम, जो कि इस महत्वपूर्ण मैच में एक मजबूत शुरुआत की उम्मीद कर रही थी, शुरुआती ओवरों में ही संघर्ष करती नजर आई। नितीश कुमार रेड्डी का आउट होना भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, जिससे उनकी बल्लेबाजी और भी दबाव में आ गई।
पहले दिन का खेल: भारत का संघर्ष
पहले दिन की शुरुआत भारतीय कप्तान द्वारा टॉस जीतने और बल्लेबाजी का निर्णय लेने के साथ हुई। पिच को बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त माना जा रहा था, और यह उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय बल्लेबाज इसका फायदा उठाएंगे। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने एक बार फिर अपनी सटीक लाइन और लेंथ से भारतीय बल्लेबाजी क्रम को परेशान किया।
शुरुआत में ही भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कड़ी चुनौती दी। रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे अनुभवी बल्लेबाज शुरुआती ओवरों में आउट हो गए। उनके आउट होने के बाद मिडल ऑर्डर पर दबाव बढ़ गया।
नितीश कुमार रेड्डी की पारी और उनका आउट होना
नितीश कुमार रेड्डी, जो इस टेस्ट सीरीज में अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैं, ने एक बार फिर मध्यक्रम में जिम्मेदारी संभालने की कोशिश की। उन्होंने संयमित अंदाज में रन बनाए और पारी को स्थिरता प्रदान करने की कोशिश की। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने उनकी पारी को ज्यादा देर तक चलने नहीं दिया।
रेड्डी ने 38 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली, लेकिन पैट कमिंस की एक शानदार गेंद पर उनका विकेट गिर गया। उनका आउट होना भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि वह सेट बल्लेबाज थे और टीम को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का दबदबा
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पूरे दिन शानदार प्रदर्शन किया। पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और नाथन लियोन ने भारतीय बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा। उनकी सटीक गेंदबाजी और फील्डिंग में कोई कमी नहीं दिखी, जिससे भारतीय बल्लेबाज रन बनाने में संघर्ष करते रहे।
कमिंस ने अपनी घातक बाउंसर्स और तेज गति के साथ भारतीय बल्लेबाजों को बार-बार परेशान किया। वहीं, हेजलवुड ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से विपक्षी टीम के लिए रन बनाना मुश्किल कर दिया। नाथन लियोन की स्पिन गेंदबाजी ने भी भारतीय बल्लेबाजों को खासा परेशान किया, खासतौर पर मिडल ऑर्डर के खिलाड़ियों को।
भारतीय बल्लेबाजी क्रम की कमजोरी
भारतीय टीम का बल्लेबाजी क्रम इस मैच में एक बार फिर लड़खड़ाता हुआ नजर आया। अनुभवी खिलाड़ी जैसे विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा बड़ी पारियां खेलने में असफल रहे। पुजारा, जो अपनी डिफेंसिव तकनीक के लिए जाने जाते हैं, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सके। विराट कोहली भी तेज गेंदबाजी का शिकार बने।
ऋषभ पंत, जो कि निचले क्रम के आक्रामक बल्लेबाज हैं, ने तेजी से रन बनाने की कोशिश की, लेकिन वह भी ज्यादा देर तक क्रीज पर टिक नहीं पाए।
पिच का मिजाज और मैच की परिस्थितियां
सिडनी की पिच पर पहले दिन हल्की घास दिखी, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी। वहीं, दिन के दूसरे सत्र में पिच थोड़ी धीमी हुई, लेकिन स्पिनरों को भी मदद मिलने लगी। भारतीय बल्लेबाज पिच के इस बदलाव को समझने में नाकामयाब रहे।
पिच का मिजाज बल्लेबाजी के लिए कठिन हो सकता है, लेकिन भारतीय टीम के लिए बड़ी साझेदारियां बनाना जरूरी था, जो इस दिन देखने को नहीं मिलीं।
ऑस्ट्रेलियाई टीम का आत्मविश्वास
ऑस्ट्रेलिया, जो पहले ही सीरीज में बढ़त बनाए हुए है, इस मैच में भी आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। उनके गेंदबाजों और फील्डरों ने मिलकर भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने गेंदबाजी बदलावों का बखूबी इस्तेमाल किया और भारतीय बल्लेबाजों को कभी भी सहज महसूस नहीं करने दिया।
दूसरे दिन की उम्मीदें
भारतीय टीम को दूसरे दिन बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उनके निचले क्रम के बल्लेबाजों पर काफी कुछ निर्भर करेगा। मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी, जो निचले क्रम में उपयोगी रन बना सकते हैं, को टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठानी होगी।
इसके अलावा, भारतीय गेंदबाजों को भी दूसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।
निष्कर्ष
पहले दिन का खेल पूरी तरह से ऑस्ट्रेलियाई टीम के पक्ष में रहा। भारतीय टीम को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना होगा और दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन दिखाना होगा। अगर भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया को जल्द ऑलआउट करने में सफल होते हैं, तो मैच में वापसी की संभावना बनी रह सकती है।
क्या कहती है सीरीज की स्थिति?
इस समय सीरीज में ऑस्ट्रेलिया बढ़त बनाए हुए है। भारतीय टीम के लिए यह मैच जीतना न केवल सम्मान की बात है, बल्कि सीरीज को बराबर करने का एकमात्र मौका भी है। भारतीय कप्तान और कोच को यह सुनिश्चित करना होगा कि खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन करें।
इस संघर्षपूर्ण मुकाबले में आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा। भारतीय फैंस को उम्मीद है कि उनकी टीम अगले दिन बेहतर प्रदर्शन करेगी और सिडनी के मैदान पर अपना दबदबा कायम करेगी।