भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में एक बार फिर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसका मुख्य कारण 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस घटना के बाद दोनों देशों ने सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है, जिसमें भारत की ओर से 7 मई को देशव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल और पाकिस्तान की ओर से मिसाइल परीक्षण शामिल हैं।
1. पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद की स्थिति
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान गई। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, जिसमें सीमाओं पर गोलीबारी, राजनयिक संबंधों में कटौती, और व्यापारिक गतिविधियों का निलंबन शामिल है।
2. भारत की प्रतिक्रिया: नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल और सैन्य तैयारियां
भारत सरकार ने 7 मई 2025 को देशभर के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है। यह ड्रिल 1971 के बाद पहली बार इतनी व्यापक स्तर पर आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार करना है, जिसमें एयर रेड सायरन, ब्लैकआउट सिमुलेशन, और आपातकालीन निकासी अभ्यास शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय वायु सेना ने ‘एक्सरसाइज आक्रमण’ नामक सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसमें राफेल और सुखोई जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों का उपयोग किया जा रहा है।
3. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: मिसाइल परीक्षण और चेतावनी
पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए दो मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिनमें 120 किमी रेंज की ‘फतह’ सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल शामिल है। पाकिस्तान ने भारत को चेतावनी दी है कि किसी भी सैन्य कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इसके साथ ही, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है।
4. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: तनाव कम करने की अपील
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत और पाकिस्तान से तनाव कम करने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है। अमेरिका, रूस, और ईरान जैसे देशों ने भी मध्यस्थता की पेशकश की है और दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
5. आर्थिक प्रभाव: दोनों देशों पर संभावित असर
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मूडीज ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति पाकिस्तान की आर्थिक पुनर्प्राप्ति और भारत की राजकोषीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। पाकिस्तान के लिए यह विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि वह वर्तमान में $7 बिलियन के IMF बेलआउट कार्यक्रम के तहत है।
6. निष्कर्ष: शांति की आवश्यकता
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, दोनों देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे संयम बरतें और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालें। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, और इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और दोनों देशों को शांति और स्थिरता की ओर ले जाने में मदद करनी चाहिए।