एक नई डिजिटल क्रांति और उसकी चुनौतियाँ
आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने हमारी जिंदगी को कई मायनों में आसान और रचनात्मक बना दिया है। हाल ही में, ओपनएआई ने अपने चैटजीपीटी प्लेटफॉर्म पर एक नया फीचर लॉन्च किया है, जो यूजर्स को अपनी तस्वीरों को स्टूडियो घिबली-स्टाइल में बदलने की सुविधा देता है। स्टूडियो घिबली, जो जापान की एक प्रसिद्ध एनिमेशन कंपनी है, अपनी अनूठी और भावनात्मक कहानियों जैसे स्पिरिटेड अवे और माई नेबर टोटोरो के लिए जानी जाती है। इस नए फीचर ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है, जहां लोग अपनी तस्वीरों को घिबली-स्टाइल में बदलकर शेयर कर रहे हैं। लेकिन इस रचनात्मकता के साथ एक बड़ा सवाल भी उठता है: क्या अपनी निजी तस्वीरों को चैटजीपीटी पर अपलोड करना सुरक्षित है? क्या इससे हमारी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है? इस लेख में हम इस मुद्दे की गहराई से पड़ताल करेंगे, तथ्यों की जाँच करेंगे, समाधान सुझाएंगे और एक उदाहरण के साथ समझाएंगे।
चैटजीपीटी का नया फीचर: स्टूडियो घिबली-स्टाइल इमेज जेनरेशन
मार्च 2025 में, ओपनएआई ने चैटजीपीटी के लिए एक नया टूल, GPT-4o, लॉन्च किया, जो यूजर्स को अपनी तस्वीरों को स्टूडियो घिबली की अनूठी एनिमेशन शैली में बदलने की अनुमति देता है। इस फीचर ने तुरंत ही लोकप्रियता हासिल कर ली। सोशल मीडिया पर लोग अपनी सेल्फी, पारिवारिक तस्वीरें, और यहाँ तक कि मशहूर हस्तियों की तस्वीरों को घिबली-स्टाइल में बदलकर शेयर करने लगे। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी इस ट्रेंड को बढ़ावा दिया, और उन्होंने अपनी प्रोफाइल पिक्चर को घिबली-स्टाइल में बदल लिया। लेकिन इस लोकप्रियता के साथ ही प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी को लेकर सवाल भी उठने लगे।
हिमाचल साइबर वॉरियर्स नामक एक समूह, जो खुद को साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ बताता है, ने चेतावनी दी कि इस फीचर का इस्तेमाल करने से यूजर्स की निजी तस्वीरें गलत हाथों में जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ओपनएआई इन तस्वीरों को अपने एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है, और यह सब यूजर्स की सहमति के बिना हो सकता है। इसके अलावा, डेटा ब्रोकर्स इन तस्वीरों को टारगेटेड विज्ञापनों के लिए बेच सकते हैं, या इनका दुरुपयोग भी हो सकता है।

क्या यह दावा सही है? तथ्यों की जाँच
हिमाचल साइबर वॉरियर्स और कुछ डिजिटल प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स का दावा है कि चैटजीपीटी में तस्वीरें अपलोड करने से आपकी फेशियल डेटा ओपनएआई के पास चली जाती है, और वे इसे बिना आपकी सहमति के अपने एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए इस दावे की सत्यता की जाँच करें।
- ओपनएआई की प्राइवेसी पॉलिसी
ओपनएआई की प्राइवेसी पॉलिसी (जो आखिरी बार 31 जनवरी 2024 को अपडेट की गई थी) के अनुसार, कंपनी यूजर्स द्वारा अपलोड किए गए डेटा को अपने मॉडल को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है, जब तक कि यूजर्स ने स्पष्ट रूप से ऑप्ट-आउट नहीं किया हो। इसका मतलब है कि अगर आपने अपनी तस्वीर अपलोड की, तो ओपनएआई इसे अपने सिस्टम में स्टोर कर सकता है और संभावित रूप से इसे ट्रेनिंग डेटा के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, ओपनएआई का कहना है कि वे डेटा को एनोनिमाइज़ (अज्ञात) करने की कोशिश करते हैं ताकि व्यक्तिगत पहचान न हो सके। लेकिन यहाँ सवाल यह है कि क्या यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है? - कानूनी आधार और सहमति
डिजिटल प्राइवेसी विशेषज्ञ लुइज़ा जारोव्स्की, जो AI, Tech & Privacy Academy की सह-संस्थापक हैं, ने बताया कि जब यूजर्स अपनी तस्वीरें स्वेच्छा से अपलोड करते हैं, तो वे ओपनएआई को प्रोसेस करने की सहमति दे देते हैं (GDPR के आर्टिकल 6.1.a के तहत)। इसका मतलब है कि ओपनएआई को कानूनी रूप से इन तस्वीरों को प्रोसेस करने का अधिकार मिल जाता है, और उन्हें “लेगिटिमेट इंटरेस्ट” टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन यहाँ एक पेंच है: क्या यूजर्स को पूरी तरह से पता है कि उनकी तस्वीरों का क्या होगा? ज्यादातर लोग बिना टर्म्स ऑफ सर्विस पढ़े “एग्री” बटन दबा देते हैं, जिससे उनकी सहमति अधूरी मानी जा सकती है। - कानूनी प्रतिबंध
हिमाचल साइबर वॉरियर्स का दावा कि ओपनएआई इन तस्वीरों को “बिना किसी कानूनी प्रतिबंध के” इस्तेमाल कर सकता है, पूरी तरह सही नहीं है। यूरोप में GDPR (General Data Protection Regulation) और अमेरिका में CCPA (California Consumer Privacy Act) जैसे कानून डेटा प्राइवेसी को लेकर सख्त नियम लागू करते हैं। इन कानूनों के तहत, ओपनएआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल पारदर्शी तरीके से करें और उनकी सहमति लें। अगर ओपनएआई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, 2022 में फ्रांस की CNIL ने Clearview AI को GDPR उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया था, क्योंकि उन्होंने फेशियल रिकग्निशन डेटा को बिना सहमति के इकट्ठा किया था। - फेशियल डेटा का दुरुपयोग
फेशियल डेटा एक संवेदनशील बायोमेट्रिक डेटा है, जिसका दुरुपयोग कई तरीकों से हो सकता है। उदाहरण के लिए, इसे डीपफेक वीडियो बनाने, ट्रैकिंग, या टारगेटेड विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रोटॉन, एक प्राइवेसी-फोकस्ड प्लेटफॉर्म, ने चेतावनी दी कि एक बार आप अपनी तस्वीर एआई को दे देते हैं, तो आप यह नियंत्रित नहीं कर सकते कि उसका क्या होगा।
निष्कर्ष: हिमाचल साइबर वॉरियर्स का दावा आंशिक रूप से सही है। ओपनएआई आपकी तस्वीरों को अपने मॉडल को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन यह “बिना कानूनी प्रतिबंध” के नहीं है। कानूनी ढांचे मौजूद हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता और लागू करना एक जटिल प्रक्रिया है।
समस्याएँ और जोखिम
- प्राइवेसी का उल्लंघन
आपकी तस्वीरों में मौजूद फेशियल डेटा का इस्तेमाल ओपनएआई द्वारा अपने मॉडल को ट्रेन करने के लिए किया जा सकता है। यह डेटा अगर गलत हाथों में पड़ जाए, तो इसका दुरुपयोग हो सकता है। - कॉपीराइट विवाद
स्टूडियो घिबली की शैली को कॉपी करना कॉपीराइट के दायरे में आ सकता है। हालांकि, कॉपीराइट विशेषज्ञों का कहना है कि “शैली” को कॉपी करना कानूनी रूप से संरक्षित नहीं है, लेकिन अगर ओपनएआई ने घिबली की फिल्मों के फ्रेम्स का इस्तेमाल अपने मॉडल को ट्रेन करने के लिए किया है, तो यह एक कानूनी विवाद का कारण बन सकता है। - डेटा लीक का खतरा
2023 में चैटजीपीटी में एक डेटा लीक हुआ था, जिसमें यूजर्स की चैट हिस्ट्री और ईमेल एड्रेस लीक हो गए थे। ऐसे में, आपकी तस्वीरें भी लीक होने का खतरा है।
समाधान: अपनी प्राइवेसी कैसे सुरक्षित रखें?
- तस्वीरें अपलोड करने से बचें
सबसे आसान समाधान यह है कि अपनी निजी तस्वीरें चैटजीपीटी पर अपलोड न करें। अगर आप घिबली-स्टाइल इमेज बनाना चाहते हैं, तो किसी गैर-मानव विषय (जैसे पालतू जानवर या कोई वस्तु) की तस्वीर का इस्तेमाल करें। - ऑफलाइन टूल्स का इस्तेमाल करें
कई ऑफलाइन इमेज एडिटिंग टूल्स और ऐप्स हैं जो आपकी तस्वीरों को घिबली-स्टाइल में बदल सकते हैं, बिना आपका डेटा ऑनलाइन भेजे। उदाहरण के लिए, GIMP या Photoshop जैसे सॉफ्टवेयर में स्टाइल ट्रांसफर प्लगइन्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। - प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ें
किसी भी एआई टूल का इस्तेमाल करने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी जरूर पढ़ें। अगर आपको लगता है कि आपका डेटा सुरक्षित नहीं है, तो उस टूल का इस्तेमाल न करें। - फेशियल डेटा को अस्पष्ट करें
अगर आपको तस्वीर अपलोड करनी ही है, तो पहले उसमें से अपनी पहचान छुपाएँ। उदाहरण के लिए, चेहरे को ब्लर करें या मास्क करें ताकि आपकी पहचान न हो सके। - कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करें
अगर आपको लगता है कि आपका डेटा गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है, तो आप GDPR या CCPA के तहत अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ओपनएआई की वेबसाइट पर एक प्राइवेसी पोर्टल (privacy.openai.com) है, जहां आप डेटा डिलीट करने की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं।
उदाहरण: एक काल्पनिक स्थिति
मान लीजिए कि रिया, एक 25 साल की भारतीय लड़की, चैटजीपीटी पर अपनी एक सेल्फी अपलोड करती है ताकि उसे घिबली-स्टाइल में बदला जा सके। वह तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करती है और उसे बहुत लाइक्स मिलते हैं। लेकिन कुछ महीनों बाद, उसे पता चलता है कि उसकी तस्वीर का इस्तेमाल एक डीपफेक वीडियो में किया गया है, जो ऑनलाइन वायरल हो रहा है। रिया परेशान हो जाती है और ओपनएआई से संपर्क करती है। ओपनएआई का कहना है कि उन्होंने उसकी तस्वीर को ट्रेनिंग डेटा के लिए इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन रिया को शक है कि उनकी तस्वीर लीक हो गई। वह GDPR के तहत एक शिकायत दर्ज करती है और ओपनएआई को उसकी तस्वीर डिलीट करने के लिए कहती है। इस प्रक्रिया में उसे कई महीने लग जाते हैं, और इस दौरान उसकी मानसिक स्थिति खराब हो जाती है।
इस स्थिति से बचने का तरीका: रिया को अपनी सेल्फी अपलोड करने से पहले ओपनएआई की प्राइवेसी पॉलिसी पढ़नी चाहिए थी। वह एक ऑफलाइन टूल का इस्तेमाल कर सकती थी, जैसे कि Artbreeder, जो प्राइवेसी को प्राथमिकता देता है।
निष्कर्ष: जागरूकता और सावधानी जरूरी
चैटजीपीटी का स्टूडियो घिबली-स्टाइल फीचर निस्संदेह एक मजेदार और रचनात्मक टूल है, लेकिन इसके साथ प्राइवेसी के जोखिम भी जुड़े हैं। ओपनएआई आपकी तस्वीरों को अपने मॉडल को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है, और डेटा लीक का खतरा भी बना रहता है। हालांकि, कानूनी ढांचे मौजूद हैं जो आपकी प्राइवेसी की रक्षा कर सकते हैं, लेकिन इनका प्रभावी होना इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने जागरूक हैं। अपनी तस्वीरें अपलोड करने से पहले दो बार सोचें, प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ें, और अगर संभव हो तो ऑफलाइन टूल्स का इस्तेमाल करें। डिजिटल दुनिया में रचनात्मकता का आनंद लें, लेकिन अपनी प्राइवेसी को प्राथमिकता दें।
Disclaimer
यह लेख सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। लेख में दी गई जानकारी ओपनएआई की प्राइवेसी पॉलिसी, GDPR, और अन्य स्रोतों पर आधारित है, जो समय के साथ बदल सकती है। आजपत्रिका.कॉम और लेखक इस लेख के आधार पर किसी भी निर्णय या कार्रवाई से उत्पन्न होने वाली किसी भी हानि या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी एआई टूल का उपयोग करने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी और टर्म्स ऑफ सर्विस को ध्यान से पढ़ें और जरूरत पड़ने पर कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें।