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Budget 2025: पीएम रिसर्च फेलोशिप के संबंध में बजट में हुआ ये एलान, जानें इस स्कीम के बारे में सब कुछ

2025 का केंद्रीय बजट भारतीय शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव लेकर आया है। इस बार के बजट में प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF) के तहत एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने PMRF के तहत अगले पांच वर्षों में 10,000 फेलोशिप देने की योजना का खुलासा किया। यह स्कीम शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल साबित हो सकती है, जो देश के मेडिकल कॉलेजों और आईआईटी संस्थानों के साथ-साथ अन्य शिक्षा संस्थानों में भी सुधार लाएगी। आइए, इस स्कीम और इसके तहत होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं।


प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF) क्या है?

प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF) एक केंद्रीय योजना है जो भारत सरकार द्वारा पेश की गई है। इस योजना का उद्देश्य देशभर के सबसे उत्कृष्ट छात्रों को उच्च स्तरीय शोध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना और सहयोग देना है। यह स्कीम मेडिकल, विज्ञान, इंजीनियरिंग और तकनीकी शोध को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।

इस स्कीम के तहत, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को शोध कार्य में सहायता दी जाती है, जिससे वे विश्व स्तरीय शोध कर सकें और भारत को वैश्विक शोध क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान दिला सकें।


बजट 2025 में PMRF का क्या महत्व है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में यह घोषणा की कि अगले पांच सालों में 10,000 पीएम रिसर्च फेलोशिप प्रदान की जाएंगी। इस योजना का उद्देश्य भारत में अनुसंधान और विकास (R&D) को प्रोत्साहित करना और नई पीढ़ी को उच्च स्तरीय शोध कार्यों में शामिल करना है। यह फेलोशिप प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप स्कीम के तहत दी जाएगी, जो आधिकारिक तौर पर 2018 में शुरू की गई थी

यह योजना युवाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करती है, और उन्हें शोध कार्य के लिए वित्तीय सहायता और संसाधन प्रदान करती है। इसके तहत, छात्रों को वेतन, अनुदान और अन्य शोध संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं।


PMRF की मुख्य विशेषताएं

  1. उच्च स्तरीय शोध का अवसर – छात्रों को विश्व स्तरीय शोध करने का अवसर मिलेगा।
  2. वित्तीय सहायता – फेलोशिप प्राप्तकर्ताओं को मासिक वेतन और अनुदान मिलेगा।
  3. आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में अधिक सीटें – बजट में यह भी घोषणा की गई है कि आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे अधिक छात्रों को इस स्कीम का लाभ मिल सकेगा।
  4. मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च – यह स्कीम छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग, विज्ञान आदि में अनुसंधान करने का अवसर देती है।
  5. स्वतंत्र और नवीन विचारों का विकास – पीएमआरएफ छात्रों को नवीन शोध और नई तकनीकी खोजों पर काम करने के लिए प्रेरित करती है।

इस स्कीम के माध्यम से क्या लाभ होंगे?

  • शोध और विकास में वृद्धि – यह योजना भारत में अनुसंधान और नई तकनीकों के विकास में तेजी लाने का काम करेगी।
  • उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा – इस स्कीम के तहत छात्र उच्चतम स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और अपने क्षेत्र में नई खोजों के लिए योगदान देंगे।
  • वैश्विक मान्यता – भारत में किए जा रहे विश्व स्तरीय शोध से देश को वैश्विक मान्यता मिलेगी।
  • मेडिकल और आईटी क्षेत्र में सुधार – मेडिकल कॉलेजों और आईआईटी में सीटों की संख्या बढ़ने से छात्र अधिक संख्या में इन संस्थानों का हिस्सा बन पाएंगे, जिससे कुशल विशेषज्ञों की संख्या बढ़ेगी।
  • नई पीढ़ी के शोधकर्ताओं को बढ़ावा – युवा छात्रों को इस स्कीम के माध्यम से शोध में अपनी रुचि और कौशल को बढ़ाने का मौका मिलेगा।

क्या खास है 10,000 फेलोशिप का एलान?

वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार, 10,000 नई पीएम रिसर्च फेलोशिप देने से भारत में शोध कार्य को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह स्कीम नई पीढ़ी के शोधकर्ताओं को अवसर प्रदान करने के साथ-साथ नई तकनीकी खोजों और नवाचारों को जन्म देगी।

इसके अलावा, इस स्कीम के माध्यम से भारत में शोध कार्यों को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त हो सकती है, जिससे देश की वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति को नई दिशा मिल सकती है।


निष्कर्ष

बजट 2025 में पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत 10,000 नई फेलोशिप का एलान भारतीय शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में एक बड़े बदलाव का संकेत है। यह योजना भारत के छात्रों को अनुसंधान और विकास में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके द्वारा भारत में उच्च शिक्षा, अनुसंधान और वैज्ञानिक तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा, और यह स्कीम देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने में मददगार साबित होगी।

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