हर वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ‘नौतपा’ की शुरुआत होती है। यह नौ दिनों की अवधि होती है जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं, जिससे अत्यधिक गर्मी और लू का प्रकोप बढ़ जाता है। इस वर्ष नौतपा 25 मई से 3 जून 2025 तक रहेगा।
🌞 नौतपा क्या है?
‘नौतपा’ का अर्थ है ‘नौ दिनों की तपन’। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो अगले नौ दिनों तक पृथ्वी पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे तापमान में अत्यधिक वृद्धि होती है। इस अवधि में लू चलने की संभावना अधिक होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन आदि का खतरा बढ़ जाता है।
🔥 नौतपा 2025 की तिथियाँ
- प्रारंभ: 25 मई 2025
- समापन: 3 जून 2025
इस अवधि में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है और वातावरण शुष्क हो जाता है।
🙏 धार्मिक महत्व
नौतपा के दौरान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस समय जल दान, छाया दान, और ठंडे पेय पदार्थों का वितरण पुण्यकारी माना जाता है। सूर्य को अर्घ्य देना, गायत्री मंत्र का जाप, और जरूरतमंदों को जल प्रदान करना शुभ फलदायी होता है।
🛡️ स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ
1. हाइड्रेशन बनाए रखें:
- दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
- नींबू पानी, नारियल पानी, और छाछ का सेवन करें।
2. उचित आहार लें:
- तरबूज, खीरा, ककड़ी, और मौसमी फल खाएं।
- तले-भुने और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
3. उचित वस्त्र पहनें:
- हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।
- सिर को ढकने के लिए टोपी या छाता का उपयोग करें।
4. दोपहर में बाहर निकलने से बचें:
- दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें।
- यदि आवश्यक हो, तो छाया में रहें और पानी साथ रखें।
5. लू के लक्षणों पर ध्यान दें:
- तेज बुखार, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना या न आना, उल्टी, और त्वचा का लाल होना लू के लक्षण हो सकते हैं।
- ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत छाया में जाएं, पानी पिएं, और आवश्यक हो तो चिकित्सक से संपर्क करें।
📞 आवश्यक हेल्पलाइन नंबर
- एम्बुलेंस सेवा: 108
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन: 1078
- स्वास्थ्य मंत्रालय हेल्पलाइन: 011-23978046
- मौसम विभाग वेबसाइट:
🌿 आयुर्वेदिक सुझाव
- गुलकंद: गर्मी से राहत के लिए गुलकंद का सेवन करें।
- सत्तू: सत्तू का शरबत शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
- एलोवेरा: एलोवेरा जूस का सेवन त्वचा और पाचन के लिए लाभकारी है।
🚫 नौतपा में क्या न करें?
- तले-भुने और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
- दोपहर के समय भारी शारीरिक कार्य या व्यायाम न करें।
- शराब और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करें।
- दिन में सोने से बचें, क्योंकि इससे शरीर की प्राकृतिक लय प्रभावित होती है।
🌧️ नौतपा और मानसून का संबंध
मान्यता है कि नौतपा के दौरान जितनी अधिक गर्मी और लू चलती है, मानसून उतना ही अच्छा होता है। इसलिए किसान इस अवधि को विशेष महत्व देते हैं, क्योंकि यह आगामी फसल के लिए संकेत देता है।
📌 निष्कर्ष
नौतपा एक प्राकृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अवधि है। इस दौरान सावधानी बरतकर हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं और धार्मिक कृत्यों के माध्यम से पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य की पूजा, जल दान, और जरूरतमंदों की सहायता इस समय के प्रमुख कार्य हैं।