राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगी, जिसमें संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ और 'जन भागीदारी' थीम पर रहेगा विशेष फोकस।
भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभर में उत्साह और देशभक्ति का माहौल होता है। इस बार के कार्यक्रम में कई ऐतिहासिक झलकियां और नई परंपराओं का समावेश किया गया है। मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इस वर्ष के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति शामिल हो रहे हैं।
इस लेख में हम 76वें गणतंत्र दिवस के समारोह, परेड, मुख्य आकर्षण और पूरे दिन के कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देंगे।
गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व
गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखता है। 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया और खुद को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। इस दिन, भारत ने ब्रिटिश राज के अधीन बने 1935 के अधिनियम को हटाकर अपने स्वयं के संविधान को अपनाया।
यह दिन देश के लोकतंत्र, विविधता, और एकता का प्रतीक है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बलिदान और हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता को भी याद करने का अवसर है।
2025 के गणतंत्र दिवस समारोह की मुख्य विशेषताएं
इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में कुछ खास पहलू देखने को मिलेंगे। आइए, इन पर एक नज़र डालते हैं:
1. मुख्य अतिथि: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति
इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है।
2. परेड और झांकियों का आयोजन
कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता, और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। परेड में निम्नलिखित शामिल होंगे:
- भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियां: थल सेना, वायु सेना, और नौसेना की परेड।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां: हर झांकी में राज्य की संस्कृति, परंपरा, और विशेषताओं को दिखाया जाएगा।
- स्वदेशी तकनीक: स्वदेशी हथियार प्रणालियां, राफेल विमानों का प्रदर्शन, और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान से जुड़ी परियोजनाएं।
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता: इस बार बच्चों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया है।
3. महिला सशक्तिकरण पर जोर
इस बार की परेड में महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता दी गई है। सेना, नौसेना और वायुसेना की महिला टुकड़ियां परेड का हिस्सा बनेंगी। इसके अलावा, महिला मोटरसाइकिल टीम का प्रदर्शन भी मुख्य आकर्षण रहेगा।
4. “विविधता में एकता” का संदेश
भारत के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक झांकियां ‘विविधता में एकता’ की झलक पेश करेंगी। राजस्थान की मरुस्थलीय संस्कृति, केरल की बैकवाटर झांकियां, और नॉर्थ ईस्ट के पारंपरिक नृत्य दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
5. पर्यावरण संरक्षण की थीम
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में ‘हरित भारत’ थीम को शामिल किया गया है। झांकियों में पर्यावरण संरक्षण, सौर ऊर्जा, और स्वच्छ भारत अभियान को प्रदर्शित किया जाएगा।
कार्यक्रम का समय और लाइव अपडेट्स
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत सुबह 9 बजे राष्ट्रपति के कर्तव्य पथ पर आगमन के साथ होगी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद परेड और झांकियों का मुख्य कार्यक्रम शुरू होगा।
लाइव अपडेट्स:
- सुबह 8:30 बजे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित की।
- सुबह 9:00 बजे: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। राष्ट्रीय गान के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई।
- सुबह 9:30 बजे: परेड की शुरुआत हुई। सबसे पहले परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित सैन्यकर्मियों की टुकड़ियां कर्तव्य पथ पर मार्च करती दिखीं।
- सुबह 10:00 बजे: राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां प्रस्तुत की गईं। सबसे प्रभावशाली झांकियों में उत्तर प्रदेश की काशी विश्वनाथ धाम परियोजना, और गुजरात की अक्षय ऊर्जा परियोजना शामिल थीं।
सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। 50,000 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
साथ ही, दिल्ली यातायात पुलिस ने विशेष ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। कर्तव्य पथ के आसपास के इलाकों में वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। मेट्रो सेवाएं चालू रहेंगी, लेकिन कुछ स्टेशनों पर एंट्री और एग्ज़िट सीमित होगी।
डिजिटल प्रसारण और लाइव स्ट्रीमिंग
जो लोग कार्यक्रम स्थल पर नहीं जा सकते, उनके लिए विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है। दूरदर्शन और अन्य समाचार चैनल इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस कार्यक्रम को लाइव दिखाने की व्यवस्था की है।
गणतंत्र दिवस से जुड़े रोचक तथ्य
- 26 जनवरी का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ की घोषणा की थी।
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं।
- गणतंत्र दिवस परेड पहली बार 1950 में आयोजित की गई थी, और तब से यह हर वर्ष आयोजित होती है।
गणतंत्र दिवस का महत्व आज के भारत में
आज के युग में गणतंत्र दिवस केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि संविधान न केवल हमारे अधिकारों की गारंटी देता है, बल्कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने की भी प्रेरणा देता है।
आज जब भारत ‘विकसित भारत’ की ओर कदम बढ़ा रहा है, यह दिवस हमें अपने आदर्शों, संस्कृति, और परंपराओं को संरक्षित रखते हुए आधुनिकता को अपनाने का संदेश देता है।
निष्कर्ष
76वां गणतंत्र दिवस भारतीय इतिहास का एक और गौरवशाली अध्याय है। यह न केवल हमारे अतीत को याद करने का दिन है, बल्कि भविष्य के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर भी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की उपस्थिति इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना रही है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।
जैसे-जैसे दिन समाप्त होगा, यह हमें फिर से अपने संविधान और उसकी भावना के प्रति समर्पण का संकल्प लेने की प्रेरणा देगा। जय हिंद!