दिल्ली में कड़कड़ाती ठंड और घने कोहरे से विजिबिलिटी 0, IMD ने जारी किया अलर्ट।

"Freezing Cold and Dense Fog Blanket Delhi, Visibility Zero, Several Trains and Flights Affected"

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दिल्ली और आसपास के इलाकों में इन दिनों कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तापमान गिरने के साथ ही कोहरे की चादर ने सड़कों से लेकर आसमान तक सबकुछ ढक दिया है। इस कारण विजिबिलिटी (दृष्टि सीमा) शून्य के करीब पहुंच गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस पर अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

यह स्थिति न केवल जनजीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि यातायात, स्वास्थ्य और दैनिक गतिविधियों पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।


ठंड और कोहरे का मौसमी परिदृश्य

दिल्ली में दिसंबर और जनवरी के महीने में ठंड अपने चरम पर होती है। इस बार जनवरी की शुरुआत से ही सर्दी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। IMD के अनुसार, इस समय न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो सामान्य से 2-3 डिग्री कम है। वहीं, कोहरे की घनी परत ने दृश्यता को लगभग शून्य कर दिया है।

कोहरा क्यों बनता है?

कोहरा तब बनता है जब वातावरण में नमी अधिक हो और तापमान तेजी से गिर जाए। ठंडी हवा के कारण जलवाष्प छोटे-छोटे पानी के कणों में बदल जाती है, जो हवा में तैरते रहते हैं। इस बार पश्चिमी विक्षोभ और ठंडी उत्तरी हवाओं के कारण नमी और ठंड ने मिलकर कोहरे को और घना बना दिया है।


विजिबिलिटी 0: यातायात पर असर

घने कोहरे का सबसे बड़ा असर यातायात पर पड़ा है। दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है। विजिबिलिटी शून्य होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

सड़क यातायात

  • दिल्ली में सुबह के समय ऑफिस और स्कूल जाने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे के कारण गाड़ियों की लाइटें चालू होने के बावजूद सड़कें साफ नजर नहीं आ रहीं।
  • कई जगहों पर दुर्घटनाओं की खबरें आई हैं। कम दृश्यता के कारण वाहन चालकों को बेहद सतर्क रहना पड़ रहा है।

रेल और हवाई यातायात

  • कोहरे के कारण कई ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं। दिल्ली से गुजरने वाली कई प्रमुख ट्रेनों का समय बदलना पड़ा है।
  • हवाई यातायात पर भी असर पड़ा है। कई उड़ानें या तो रद्द की गई हैं या उनका समय बदला गया है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

सर्दी और कोहरा स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। ठंड के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

श्वसन समस्याएं

  • कोहरे में वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) भी खराब हो जाती है। हवा में नमी और प्रदूषण के कण मिलकर स्मॉग (Smog) बनाते हैं, जो श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है।
  • अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

ठंड से जुड़ी समस्याएं

  • ठंड के कारण बुजुर्गों और बच्चों में हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा जो लोग रात में बाहर काम करते हैं, जैसे गार्ड और ड्राइवर, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
  • डॉक्टरों ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी है।

IMD का अलर्ट और सुझाव

IMD ने कोहरे और ठंड को लेकर येलो कड़कड़ाती जारी किया है। येलो अलर्ट का मतलब है कि स्थिति सामान्य से गंभीर हो सकती है और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

क्या करें?

  1. सड़क पर सावधानी: वाहन चालकों को कोहरे में लो-बीम लाइट का उपयोग करने और धीमी गति से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है।
  2. घरों में रहें: जिन लोगों को जरूरी न हो, वे सुबह और देर रात घर से बाहर निकलने से बचें।
  3. गर्म कपड़े पहनें: शरीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़े, टोपी और मोजे पहनें।
  4. वायु प्रदूषण से बचाव: अगर संभव हो तो N95 मास्क पहनें ताकि वायु प्रदूषण और ठंड से बचा जा सके।

कोहरे और ठंड के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

मजदूर वर्ग पर असर

  • कड़ाके की ठंड और कोहरे के कारण निर्माण स्थलों और खुले में काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
  • दिहाड़ी मजदूर, जो रोज कमाते हैं और खाते हैं, उनके काम पर इसका असर पड़ रहा है।

शिक्षा पर असर

  • ठंड और कोहरे के कारण दिल्ली के कई स्कूलों ने समय बदल दिया है। बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रशासन ने सुबह की शिफ्ट को देरी से शुरू करने का फैसला किया है।

व्यापार और उद्योग

  • कूरियर और कड़कड़ाती सेवाओं में देरी हो रही है, जिससे कड़कड़ाती प्रभावित हो रहा है।
  • बाजारों में सुबह के समय कम भीड़ नजर आ रही है, जिससे छोटे व्यापारियों की आमदनी पर असर पड़ा है।

ठंड और कोहरे से निपटने के उपाय

सरकारी कदम

  • दिल्ली सरकार ने रैन बसेरों की संख्या बढ़ा दी है, ताकि बेघर लोग ठंड से बच सकें। इसके अलावा, गर्म कपड़ों और कंबलों का वितरण भी किया जा रहा है।
  • प्रदूषण नियंत्रण के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
  • जो लोग सक्षम हैं, वे जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल दान कर सकते हैं।
  • अपने घरों और आस-पड़ोस में आग जलाने से बचें, ताकि वायु प्रदूषण न बढ़े।

निष्कर्ष

दिल्ली में कड़कड़ाती ठंड और घने कोहरे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मौसम का असर न केवल हमारे स्वास्थ्य और जीवनशैली पर पड़ता है, बल्कि यह हमारे शहर के कामकाज को भी प्रभावित करता है। ऐसे में जरूरी है कि हम मौसम विज्ञान विभाग की सलाह का पालन करें और सतर्क रहें।

सरकार और आम नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से इस कठिन समय का सामना किया जा सकता है। ठंड और कोहरे का यह दौर भले ही अस्थायी हो, लेकिन इसकी चुनौतियां हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनने की सीख देती हैं।